यूँ ही खाली बैठे आप
हैं
यूँ ही
खाली बैठे आप
कुछ तो काम कीजिये।
न मिले
जो कुछ अगर
तो
भर आह
हमारा नाम लीजिए।
हो
शिकायत
गर तितलियों से
जुगनुओं से बैर हो
कॉपी कलम
उठाइये
और
नाम बसन्त
शिकायती पैगाम खींचिये।
हैं
यूँ ही
खाली बैठे आप
कुछ तो काम कीजिये।
नज़र उठा कर
देखिये
कुछ इस कदर
मेरी तरफ-
मेरे शहर
और
मेरे जहां के
सारे
यूँ रेगिस्तान सिंचिये।
यूँ मुस्कुराइए
और
फिर नज़र फेर
कुछ न बोलिये-
उन मुस्कुराहटों को
समझने का
हमको काम दिजीये।
हैं
यूँ ही
खाली बैठे आप
कुछ तो काम कीजिये।
रात
अपनी हमको बेच
थोड़े से
सस्ते दाम पे
बदले आप
हमसे
हमारी सारी शाम लीजिए।
अब
कौन ही पुकारता है हमें
इस शहर में,
आप ही
बैठ हुए दूर अब
हमारा नाम लीजिए।
हैं
यूँ ही
खाली बैठे आप
कुछ तो काम कीजिये।।
Date
November 15, 2023